आज स्टॉक मार्केट में एक दिलचस्प घटना देखने को मिली। एसी और रेफ्रिजरेटर बनाने वाली कंपनियों के शेयर्स में तेजी दर्ज की गई, जिसमें वोल्टास, ब्लू स्टार और हवेल्स इंडिया जैसे बड़े प्लेयर्स शामिल हैं। यह उछाल सरकार के एक फैसले की वजह से आया है। दरअसल, सरकार ने BIS (भारतीय मानक ब्यूरो) सर्टिफिकेशन के कुछ सख्त नियमों को अस्थायी रूप से हटा दिया है। इसका मकसद है आपूर्ति श्रृंखला की समस्याओं को दूर करना, ताकि आने वाले गर्मी के मौसम में एसी और रेफ्रिजरेटर की कमी न हो।

BIS सर्टिफिकेशन क्या है?
BIS सर्टिफिकेशन एक तरह का गुणवत्ता प्रमाणन है जो यह सुनिश्चित करता है कि उत्पाद भारतीय सुरक्षा और गुणवत्ता मानकों पर खरे उतरें। यह प्रमाणन उपभोक्ताओं को यह विश्वास दिलाता है कि जो उत्पाद वे खरीद रहे हैं, वे सुरक्षित और विश्वसनीय हैं। लेकिन, अब कुछ समय के लिए सरकार ने ग्रूव्ड कॉपर ट्यूब और 2 टन या उससे अधिक क्षमता वाले एसी कंप्रेसर्स के लिए BIS सर्टिफिकेशन की अनिवार्यता को हटा दिया है।
आखिर हुआ क्या है?
DPIIT (उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग) ने यह फैसला लिया है ताकि उद्योग को आपूर्ति श्रृंखला की समस्याओं से बचाया जा सके। एसी और रेफ्रिजरेटर निर्माताओं ने पहले ही चेतावनी दी थी कि अगर BIS सर्टिफिकेशन अनिवार्य रहा तो चीन और पड़ोसी देशों से आयातित कंपोनेंट्स की आपूर्ति रुक जाएगी। घरेलू उत्पादन इतना नहीं है कि बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके, खासकर जब गर्मी का मौसम जल्दी पहुंच गया है।
सरकार ने यह छूट दी है
- ग्रूव्ड कॉपर ट्यूब: आयात पर BIS सर्टिफिकेशन से छूट, यह छूट 30 जून तक रहेगी।
- एसी कंप्रेसर्स (2 टन या अधिक): BIS सर्टिफिकेशन से छूट, यह छूट 10 फरवरी 2026 तक रहेगी।
- कॉपर ट्यूब आयात सीमा: जनवरी से मार्च तक, कंपनियां 2023-24 के कुल आयात मूल्य का 25% तक कॉपर ट्यूब आयात कर सकती हैं।
स्टॉक मार्केट पर क्या असर?
इस फैसले का असर स्टॉक मार्केट में भी दिखाई दिया। एसी और रेफ्रिजरेटर कंपनियों के शेयर्स में आज अच्छी खासी तेजी देखी गई। कुछ प्रमुख गेनर्स इस प्रकार हैं:
कंपनी | शेयर प्राइस में बढ़ोतरी | वर्तमान मूल्य (₹) |
---|---|---|
वोल्टास लिमिटेड | 3.65% | 1,531 |
व्हर्लपूल लिमिटेड | 3.3% | 982 |
ब्लू स्टार लिमिटेड | 3.15% | 2,225 |
एम्बर लिमिटेड | 2.65% | 6,809 |
हवेल्स इंडिया | 2.47% | 1,555.65 |
आगे क्या होगा?
यह छूट कंपनियों के लिए एक राहत पैकेज की तरह है। आयातित कंपोनेंट्स अब BIS सर्टिफिकेशन के बिना मिलेंगे, जिससे उत्पादन लागत कम होगी और आपूर्ति श्रृंखला सुचारू रहेगी। हालांकि, लंबे समय में सरकार चाहती है कि घरेलू उत्पादन बढ़े ताकि हम आयात पर कम निर्भर हों।
अंतिम विचार
सरकार का यह कदम उद्योग के लिए एक विन-विन स्थिति है। कंपनियों को आपूर्ति श्रृंखला की समस्याओं से राहत मिलेगी और उपभोक्ताओं को भी उत्पादों की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा। स्टॉक मार्केट में इसका असर दिख चुका है, और लगता है कि आने वाले दिनों में भी यह ट्रेंड जारी रहेगा।
Disclaimer: ऊपर दिए गए विचार और सिफारिशें व्यक्तिगत विश्लेषकों या ब्रोकिंग कंपनियों की हैं, न किDr NiveshIt" की। हम निवेशकों को सलाह देते हैं कि किसी भी निवेश निर्णय लेने से पहले प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श करें। निवेश में जोखिम होता है और सही जानकारी के बिना निर्णय लेना हानिकारक हो सकता है।
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